Sunday, January 30, 2011

हम दोनों है जुदा जुदा

आज मै लिखने जा रहा हु २ ऐसे लोगो के बारे में जिसके बारे में न तो मैंने कभी उनसे पूछा है..और नही उन्होंने कुछ बताया है...
हाला की मै कोई सीधे सीधे दोषारोपड़ नही कर रहा हु की उन्होंने हमको अपने बारे में कभी कुछ बताया नही..मै कुछ ऐसा ही हूँ....
मै बात कर रहा हु अपनी क्लासमेट नेहा और भावना की. यू  तो मुझे २ नो के बारे में अलग अलग  लिखना था लेकिन मै जब उनके बारे लिखने बैठा तब उन २ नो की सुरत सदैव साथ साथ ही नजर आयी
तो मैने सोचा की क्यों न दोनों के बारे में  उनके स्वभाव के अनुसार साथ ही साथ लिख  दिया जाये....
दोनों की दोस्ती क्लास में इक मिशाल कहे तो ये झूट नही होगा ...आप सोच रहे होंगे न की ऐसा क्या है इन दोनों की दोस्ती में...
मै बता दू की आप बिल्किल सही सोच  रहे है... इनकी दोस्ती में तो कुछ नही है मगर  हमारे 
 क्लास के और लोगो की दोस्ती न जाने कितने बार न जाने कितने लोगो से हुई...
लेकिन अभी तक इनकी साझेदारी बनी हुई है...
हाला की मै आपसे पहले ही बता दिया हु की मै इनके बारे में ज्यादा नही जनता लेकिन आज के इस दौर में जहा कोई इक मिनट भी इक दुसरे के साथ बिना किसी फायदे के नही रहता वहा इन २ नो ने इक लम्बी  पारी निः स्वार्थ भाव से खेली है..
आप सोच रहे होंगे  की अगर कोई इतने लम्बे  वक़्त से इक दुसरे के साथ है निश्चय ही २नो में काफी समानता होगी...
तो मै बता दू की इस बार आप लोग बिलकुल गलत समझ रहे है...
अगर आप इन दो नो को देखे तो शयद ही कहे की ये २ नो एक अच्छी दोस्त होंगी क्यों की नेहा  जितनी शांत स्वभाव की है भावना उतनी ही चंचल 
 फिर भी ये दोनों एक दुसरे के साथ तिन साल से निस्वार्थ भाव से है 
                                  ;;हलाकि ये दोनों  एक अच्छी दोस्त है लेकिन इसमें एक और सख्त के आ जाने से ये दोस्ती बेमिशाल हो जाती है जिसका नाम है अनमता आमिर, मुझे केवल  इन्ही  दोनों के बारे में लिखना  था इसलिए मै अनमता का जिक्र नही किया,लेकिन आपको बता दू ये तीनो जब साथ होती है तभी इनका असली रंग दीखता है.........


3 comments:

  1. दीपू मैं यूँ ही नहीं कहता था कि तुममे धार है हाँ वो आज दिखी है पर तुम रायता फैला कर समेत नहीं पाए शुरुवात जानदार होती है पर धीरे धीरे गाड़ी पटरी से उतर जाती है पर दोस्त लिखते रहो तभी धार तेज होगी

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  2. शुक्रिया दीपू...शायद तुमने वो बात कही है जो हमारी दोस्ती की जान है...ढाई साल से एक साथ रहकर हमने और नेहा ने बहुत कुछ जाना है एक दुसरे के बारे में, ऐसा नही है के हममे लड़ाई नही होती..होती है, पर इसबात की ख़ुशी है के हर महीने जहाँ क्लास में साथ बदल जाता था वही हम, नेहा और अनमता एक साथ है... बहुत कुछ हुआ पर कभी एकदूसरे का साथ नही छोड़ा हमने क्यूँकी एक विश्वास है चाहे जो हो जाये , हम यूँही हमेशा साथ रहेंगे...बस इनदोनो से इतना कहना चाहती हूँ : ये दोस्ती हम नही तोड़ेंगे...तोड़ेंगे दम मगर तेरा साथ ना छोड़ेंगे..

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  3. ek hi bat bar bar kyu likhe ho. bhai.

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